Vikram Solanki
Vikram Solanki

जब भी क्रिकेट में कोई नया नियम आता है, तो दर्शकों में उत्सुकता चरम पर होती है। ऐसा ही कुछ आईपीएल के “इंपैक्ट प्लेयर” नियम को लेकर हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस नियम से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक और क्रांतिकारी नियम लाया गया था?

क्या था सुपर सब नियम और कैसे जुड़े Vikram Solanki?

साल 2005 में वनडे क्रिकेट को अधिक रोमांचक बनाने के लिए आईसीसी ने एक नया प्रयोग किया सुपर सब नियम के नाम से। इसके तहत मैच के दौरान कोई भी खिलाड़ी 12वें खिलाड़ी से बदला जा सकता था, और नया खिलाड़ी फुल पार्टिसिपेशन कर सकता था यानी बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग और यहां तक कि विकेटकीपिंग भी।

इस ऐतिहासिक नियम का हिस्सा बने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ Vikram Solanki, जिन्होंने 7 जुलाई 2005 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हेडिंग्ले में खेले गए पहले वनडे में इतिहास रचा। जब तेज़ गेंदबाज़ साइमन जोन्स ने अपना कोटा पूरा किया, तब सोलंकी को सुपर सब के तौर पर लाया गया और उन्होंने बल्लेबाज़ी की।

जब क्रिकेट के इतिहास में लिखा गया नया अध्याय

Vikram Solanki सिर्फ एक प्लेयर नहीं, बल्कि क्रिकेट के एक अनोखे प्रयोग के पहले प्रतिनिधि बने। सुपर सब के रूप में उनकी एंट्री उस समय के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक चौंकाने वाला लेकिन उत्साहित कर देने वाला पल था। हालांकि यह नियम लंबे समय तक नहीं चला, लेकिन इसकी सोच आज भी जिंदा है जैसे आईपीएल में इंपैक्ट प्लेयर का कॉन्सेप्ट।

आज वही सोलंकी हैं गुजरात टाइटंस के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट

समय ने करवट ली और आज वही विक्रम सोलंकी, जो कभी सुपर सब के रूप में मैदान पर उतरे थे, अब आईपीएल टीम गुजरात टाइटंस के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट हैं। यह एक खूबसूरत संयोग है कि जिसने एक नए नियम की शुरुआत की, वो आज उसी तरह की इनोवेशन का हिस्सा बनकर, युवा खिलाड़ियों को गाइड कर रहे हैं।

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