Team India
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कभी टीम इंडिया (Team India) के ड्रेसिंग रूम में एक-दूसरे के सबसे करीबी माने जाने वाले दो खिलाड़ी अब एक-दूसरे से नज़रे तक नहीं मिला रहे हैं। क्रिकेट फैंस के लिए यह विश्वास करना मुश्किल है कि जो खिलाड़ी मैदान पर एक-दूसरे की जीत के लिए जान छिड़कते थे, अब शायद एक-दूसरे से बात तक नहीं करते। टीम इंडिया में युवराज सिंह और एमएस धोनी की जोड़ी को लंबे समय तक सबसे मजबूत साझेदारी के रूप में देखा गया। साल 2007 की टी20 वर्ल्ड कप जीत हो या 2011 का वनडे वर्ल्ड कप, दोनों खिलाड़ियों ने कंधे से कंधा मिलाकर देश को गौरव दिलाया। फील्ड पर धोनी का शांत स्वभाव और युवराज की आक्रामकता का संतुलन टीम को मजबूती देता था।

वक्त के साथ रिश्तों में आई खटास

समय के साथ-साथ टीम इंडिया की यह दोस्ती धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगी। माना जाता है कि युवराज सिंह को 2017 के बाद टीम से बाहर किए जाने के पीछे की बड़ी वजह धोनी की राय थी। हालांकि इस पर कभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन युवराज के कुछ इंटरव्यूज़ और इशारों ने इस दूरी की पुष्टि जरूर की। टीम इंडिया (Team India) के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कई बार यह जाहिर किया है कि उन्हें जिस तरह से टीम से बाहर किया गया, वह फैसला सही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों की भूमिका इस फैसले में अहम रही। फैंस का मानना है कि यह इशारा सीधा एमएस धोनी की ओर था।

धोनी की चुप्पी और सोशल मीडिया से दूरी

दूसरी तरफ, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने कभी इस विवाद पर खुलकर कुछ नहीं कहा। धोनी हमेशा से अपने निजी मामलों को पब्लिक में लाने से बचते रहे हैं। उन्होंने युवराज के किसी भी बयान पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे अटकलें और तेज़ हो गईं कि उनके बीच सब कुछ ठीक नहीं है। भले ही दोनों खिलाड़ी सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाते, लेकिन उनकी दूरी ने फैंस के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

फैंस की उम्मीदें अब भी ज़िंदा

भले ही टीम इंडिया (Team India) के ये दो दिग्गज अब एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए हों, लेकिन फैंस आज भी उम्मीद करते हैं कि एक दिन दोनों फिर से एक मंच पर साथ नज़र आएंगे। युवराज और धोनी की जोड़ी ने भारतीय क्रिकेट को जो यादें दी हैं, वे कभी भुलाई नहीं जा सकतीं। दोनों ने देश को गौरवशाली पल दिए और भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। ऐसे में हर फैन यही चाहता है कि पुराने गिले-शिकवे भुलाकर यह दोस्ती एक बार फिर से परवान चढ़े।

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