Cheteshwar Pujara
Cheteshwar Pujara

क्रिकेट जगत में जब आलोचना की आंच तेज़ हो, तो असली खिलाड़ी वही होता है जो बल्ले से जवाब दे। और चेतेश्वर पुजारा ने बिल्कुल ऐसा ही कर दिखाया। भारत ए बनाम वेस्टइंडीज ए के बीच खेले गए मैच में पुजारा ने कुछ ऐसा किया, जिसने हर किसी को चौंका दिया और उन्हें फिर से भारतीय टेस्ट टीम का कमर बना दिया।

Cheteshwar Pujara की क्लासिक पारी का आगाज़

पहली पारी में वेस्टइंडीज ए ने 268 रन बनाकर खेल की शुरुआत की थी। जवाब में भारत ए की टीम ने बेहद सधा हुआ और रणनीतिक खेल दिखाया, जिसकी कमान संभाली चेतेश्वर पुजारा ने। शुरू से ही पुजारा ने अपने ट्रेडमार्क धैर्य और तकनीक से मैदान पर कब्जा जमाया। उन्होंने एक छोर संभालते हुए स्कोर को आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे अपने इरादों को स्पष्ट किया वह सिर्फ रन बनाने नहीं, संदेश देने आए थे।

Cheteshwar Pujara का तिहरा शतक

चेतेश्वर पुजारा की 306* रन की नाबाद पारी सिर्फ स्कोरशीट की संख्या नहीं है, बल्कि यह उनके अनुभव, धैर्य और निरंतरता का जीता-जागता प्रमाण है। उन्होंने 306 रन बनाते हुए एक भी बार अपना संयम नहीं खोया और लगभग हर गेंद को उसके गुण के अनुसार खेला। भारत ए ने उनकी इस पारी के दम पर 564/9 पर पारी घोषित की। पुजारा की ये पारी न सिर्फ स्कोर में भारी थी, बल्कि विपक्षी गेंदबाजों के मनोबल पर भी भारी पड़ी।

भारत ए की शानदार जीत

दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ए की टीम सिर्फ 242 रन पर सिमट गई और भारत ए ने यह मुकाबला पारी और 54 रन से जीत लिया। पर इस जीत की असली कहानी सिर्फ स्कोरबोर्ड में नहीं, बल्कि चेतेश्वर पुजारा की पारी में छिपी थी। यह पारी न केवल मैच जिताऊ थी, बल्कि यह एक संदेश थी कि पुजारा भारतीय क्रिकेट की सबसे कठिन परीक्षा, यानी टेस्ट क्रिकेट में पुजारा भारत के असली स्तंभ हैं।

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