England
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क्रिकेट की दुनिया में जब कोई खिलाड़ी लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करता है, तो एक समय ऐसा आता है जब उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मौका मिल ही जाता है। कुछ ऐसा ही मौका मिला है इंग्लैंड (England) के तेज गेंदबाज सैम कुक को, जिनकी एंट्री आने वाले समय में टीम इंडिया के लिए सिरदर्द बन सकती है। फिलहाल ज़िम्बाब्वे के खिलाफ होने वाले टेस्ट में उन्हें पहली बार इंग्लैंड की जर्सी पहनने का मौका मिल रहा है।

सैम कुक को मिला ज़िम्बाब्वे के खिलाफ मौका

27 वर्षीय सैम कुक, जो काउंटी क्रिकेट में एसेक्स की ओर से खेलते हैं, आखिरकार इंग्लैंड (England) की टेस्ट टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ होने वाला टेस्ट मैच उनके करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट होगा। कुक ने काउंटी चैंपियनशिप में पिछले पांच वर्षों में 227 विकेट लिए हैं, जो किसी भी तेज गेंदबाज के लिए सबसे अधिक हैं। उनकी गेंदबाजी औसत मात्र 19.85 रही है, जो यह दर्शाता है कि वह ना सिर्फ किफायती हैं बल्कि घातक भी हैं।

इंग्लिश कंडीशंस में बना सकते हैं बड़ा असर

कुक को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ एक तरह से ट्रायल टेस्ट दिया गया है, लेकिन असली परीक्षा भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में होगी। इंग्लैंड (England) की परिस्थितियों में स्विंग और सीम मूवमेंट का जबरदस्त फायदा होता है, और सैम कुक की गेंदबाजी में वही धार देखने को मिलती है। अगर उन्हें भारत के खिलाफ मौका मिलता है, तो रोहित शर्मा, शुभमन गिल और कोहली जैसे बल्लेबाज़ों की परीक्षा निश्चित है।

टीम इंडिया के लिए बज चुकी है खतरे की घंटी

हालांकि ज़िम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट को एक वार्म-अप के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इंग्लैंड की यह रणनीति भारत को मात देने की तैयारी का हिस्सा है। भारत को पिछली बार इंग्लैंड (England) में जीत मिली थी, लेकिन अब इंग्लैंड ने अपने बॉलिंग अटैक को नए हथियार से लैस कर लिया है। सैम कुक जैसे खामोशी से विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि वह लंबी स्पेल डालने और लगातार दबाव बनाए रखने में माहिर हैं।

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