भारतीय क्रिकेट में जब भी कोई खिलाड़ी टीम से बाहर होता है, तो उसको वापसी करनी पड़ती हे ऐसे ही 2017 में रणजी ट्रॉफी के एक मैच में देखने को मिला, जहां एक अनुभवी खिलाड़ी ने चयनकर्ताओं को बल्ले से करारा जवाब दिया।
Hanuma Vihari ने रचा शानदार शतक
टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि काबिलियत को भुलाया नहीं जा सकता। 2017 में रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में, जो बड़ौदा और आंध्र प्रदेश के बीच खेला गया था, उसमें विहारी ने ऐसी पारी खेली जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
बड़ौदा ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 373 रन बनाए थे, लेकिन इसके जवाब में आंध्र प्रदेश की टीम ने 554 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इस पारी की खास बात रही हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) का 150 रनों का योगदान, जिसने टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया।
बिहारी और भुई की शानदार साझेदारी
इस पारी में रिकी भुई ने भी शानदार 145 रन बनाए, लेकिन जो परिपक्वता और नियंत्रण हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने अपनी बल्लेबाज़ी में दिखाया, उसने सबका ध्यान खींचा। मैदान पर उनका संयम, शॉट सिलेक्शन और गेंदबाज़ों पर पकड़, यह सब दर्शाता है कि वे अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के योग्य हैं। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ तकनीकी कौशल और स्पिनरों के खिलाफ धैर्य दिखाया, जिससे उनकी क्लास एक बार फिर सामने आई।
हनुमा विहारी जीते मैन ऑफ द मैच
हालांकि यह मैच ड्रॉ रहा, क्योंकि दूसरी पारी में बड़ौदा ने 195/6 पर अपनी पारी समाप्त की, लेकिन हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) की पहली पारी इतनी शानदार थी कि उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब मिला। टीम इंडिया से बाहर होने के बावजूद उन्होंने जो आत्मविश्वास और मानसिक मज़बूती दिखाई, वह आज के युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।
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