hardik pandya

Hardik Pandya: आखिरी टी20 मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. बल्ले से गेंद से हर एक क्षेत्र में भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. भारतीय टीम ने यह सीरीज 3-1 से अपने नाम किया. कप्तान के अलावा सभी ने अपना घातक फॉर्म प्रदर्शन किया. भारतीय टीम के तरफ से हार्दिक पांड्या ने बल्ले और गेंद से हाहाकार मचा दिया. वह जब बल्लेबाजी करने उतरे और आते ही बाउंड्री से रन बटोरने लगे. hardik pandya ने 252 के स्ट्राइक से 25 गेंद में 65 रन की पारी खेली. वह भारत के दूसरा सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गये है. Hardik Pandya इस पारी में 5 चौका और 5 छक्का भी जड़े. इस वजह भारत ने 232 रन का लक्ष्य भी खड़ा किया. जवाब में गेंदबाजी में भी हार्दिक ने 1 विकेट चटकाए. इसलिए उन्होंने प्लेयर ऑफ़ मैच भी मिला.

Hardik Pandya ने कहा- उसका रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गया

भारतीय टीम ने इस मैच में जीत हासिल किया.  हार्दिक पांड्या (hardik pandya) को उनके बेहतरीन फॉर्म के लिए प्लेयर ऑफ़ मैच चुना गया. उन्होंने इस पारी कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. भारत के दूसरे सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गये. उन्होंने इस पर बयान दिया और कहा कि,

 “मैच जीतना ही तो खेल का मकसद होता है और जब आपका योगदान टीम को जीत दिलाने में मदद करता है तो हमेशा रोमांच होता है. नहीं, सच कहूँ तो मुझे पता ही नहीं था (कि भारत के लिए दूसरा सबसे तेज़ अर्धशतक उन्हीं के नाम है) जब तक मैं आउट होकर वापस नहीं गया. हमारे सोशल मीडिया वालों ने मुझे बताया कि मैं दूसरा सबसे तेज़ अर्धशतक बनाने वाला खिलाड़ी हूँ. मेरी पहली प्रतिक्रिया थी, “अरे, मैं शीर्ष स्थान से चूक गया!” लेकिन खुशी है कि युवराज सिंह ने यह रिकॉर्ड कायम किया है. आज मुझे बस ऐसा महसूस हुआ. मैंने अपने साथी को पहले ही बता दिया था कि मैं पहली गेंद पर आगे बढ़कर छक्का मारने की कोशिश करूँगा.”

आगे पांड्या ने अपने बेहतरीन तारीफ़ करते हुए बयान दिया और कहा कि,

“मुझे पूरा भरोसा था कि मैं सफल हो जाऊँगा. परिस्थिति मेरे खेल के अनुकूल थी; मैंने खुद पर भरोसा किया और यह काम कर गया. मैंने सोच-समझकर जोखिम उठाया और शुक्र है कि नतीजा मेरे पक्ष में रहा। मुझे हमेशा से चुनौतियों का सामना करना पसंद आया है. चाहे कितनी भी बाधाएँ क्यों न आएँ, लक्ष्य हमेशा मजबूत, बेहतर होकर वापसी करना और बड़ा प्रभाव डालना होता है. जब सब कुछ सही हो जाता है, तो संतोष मिलता है. लेकिन सफर जारी रहता है – तैयारी, योजना, कड़ी मेहनत कभी नहीं रुकती.”

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