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यूं तो अपने देश में कई सारे बैंक हैं जो नेशनल लेवल और रीजनल लेवल्स पर कस्टमर को अपनी सर्विस देते हैं इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई ट्रांजैक्शंस में इंडिया का वर्ल्ड में सबसे पहले पोजीशन रही है हालांकि बैंक भी करेक्शंस और स्कैम्स और फ्रॉड से अछूते नहीं है अभी एक रीसेंट मामला सामने आया है जहां एचडीएफसी बैंक में अकाउंट होल्डर के पैसे बैंक के कर्मचारियों ने ही IPL में लगा दिए नहीं ली अकाउंट होल्डर की मंजूरी और इससे भी बड़ा कारनामा यह सामने आया है कि IPL में पैसे लगाने के दौरान एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों ने अकाउंट होल्डर की परमिशन लेना भी जरूरी नहीं समझा उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर अकाउंट होल्डर की मेहनत की कमाई आईपीएल में लगा दी उन्होंने करीब लाखों रुपए का घोटाला किया है

मध्य प्रदेश के बैतूल का है यह मामला

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यह फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश के बैतूल के एचडीएफसी ब्रांच से सामने आया है जहां बैंक के एडमिनिस्ट्रेशन और स्टाफ की मनमानी की वजह से अकाउंट होल्डर के लाखों रुपए IPL में लग गए और सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए बैंक एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने कस्टमर की परमिशन की भी नेसेसिटी नहीं समझी देशभर में सबसे स्मूद बैंकिंग सर्विस के लिए मशहूर एचडीएफसी बैंक अब खुद सवालों के घेरे में है।

पॉलिसी अपडेट का दिया झांसा

बैंक से ठगे गए करीब आधा दर्जन लोगों का कहना है कि बैंक ने हमें पॉलिसी अपडेट का झांसा दिया और ओटीपी के जरिए भी पैसे निकाले। इसके अलावा उन्होंने क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का भी सहारा लिया।ठगे गए ज्यादातर लोगों में से बिजनेसमैन और रिटायर्ड पेंशनर है।उनका कहना यह है कि अब पुलिस उनकी फिर दर्ज नहीं कर रही है क्योंकि पहले सभी ने एक साथ एफआईआर दर्ज करने का डिसीजन लिया था लेकिन फिर बाद में उन्होंने अलग-अलग फिर दर्ज करने का निर्णय लिया इस वजह से अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है।अब देखते हैं कि आरबीआई बैतूल ब्रांच के इस बैंक पर क्या एक्शन लेता है

फर्जी डॉक्यूमेंट से हुआ विड्रॉ

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बताते चलें कि इस फर्जीबाड़े में गुरु दयाल साहू नाम के बिजनेसमैन के खाते से लगभग तीन लाख रुपए की ठगी हुई।दीपक राठौड़ के नाम पर फर्जी क्रेडिट कार्ड इशू करके दो लाख रुपये निकाल लिये गए।रिटायर्ड शिक्षक कालीचरण अग्रवाल के एफडी के 15 लाख रुपए में से 10 लाख रुपए निवेश ही नहीं किए गए।वही भगवती वर्मा के खाते से चेक सर्वर के नाम पर दो लाख रुपये हड़प लिए।

मजिस्ट्रेट ने मांगा जवाब

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पुलिस की तरफ से कोई आश्वासन न मिलने के बाद आगे गए पीड़ितों ने जिला कलेक्ट्रेट का सहारा लिया और उन्होंने कलेक्ट्रेट में इसकी शिकायत दर्ज कराई स्थानीय प्रशासन तक बात पहुंचने पर बैंक के प्रबंधन और कर्मचारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है और तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।

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