जब कोई खिलाड़ी भारतीय टीम से बाहर होता है, तो वह दोबारा वापसी के लिए खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। कुछ ऐसा ही कारनामा एक युवा ओपनिंग बल्लेबाज ने कर दिखाया था। अपने जबरदस्त प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को भी मजबूर कर दिया कि वे उसको दोबारा देखें।
मयंक का संघर्ष से सफलता तक का सफर
2017 में मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के लिए चीजें आसान नहीं थीं। भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना देख रहे मयंक को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट में अपना दमखम दिखाने का फैसला किया। रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ खेले गए मुकाबले ने उनकी किस्मत ही बदल दी।
मयंक का ऐतिहासिक तिहरा शतक
महाराष्ट्र ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 245 रन बनाए। इसके जवाब में कर्नाटक ने बल्लेबाजी शुरू की और इतिहास रच दिया। मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने 304* रन की नाबाद पारी खेली। उनके अलावा रविकुमार समर्थ ने 129 और करुण नायर ने 116 रन बनाए।
मयंक अग्रवाल और करुण के बीच तीसरे विकेट के लिए 270 रनों की शानदार साझेदारी हुई। कर्नाटक ने 628/5 पर अपनी पारी घोषित की। मयंक का यह तिहरा शतक कर्नाटक के लिए तीसरा था, इससे पहले केएल राहुल और करुण नायर यह उपलब्धि हासिल कर चुके थे।
कर्नाटक की जोरदार जीत और मयंक का जलवा
महाराष्ट्र दूसरी पारी में सिर्फ 247 रन ही बना सका, जिससे कर्नाटक ने यह मुकाबला एक पारी और 136 रनों से अपने नाम किया। मयंक अग्रवाल को उनकी शानदार पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। इस पारी के बाद मयंक (Mayank Agarwal) का घरेलू क्रिकेट में दबदबा कायम हो गया और उन्होंने भारतीय क्रिकेट के दरवाजे पर अपनी जोरदार दस्तक दी।
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