भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसा खिलाड़ी है, जो अपनी गेंदबाजी से किसी भी बल्लेबाज के लिए खतरा बन सकता है, लेकिन अब यही खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। यह खिलाड़ी अपनी चोटों के कारण अधिकतर समय टीम से बाहर रहता है, फिर भी इसे बीसीसीआई से सालाना 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस खिलाड़ी को अगले साल भी कॉन्ट्रैक्ट देगा या नहीं? हाल ही में इस खिलाड़ी की एक और चोट ने उसके करियर पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
Mohammed Shami फिर हुए चोटिल

यह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि Mohammed Shami हैं, जो एक बार फिर चोटिल हो गए हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए तैयार हो रही भारतीय टीम को अब बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि शमी एक बार फिर फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब शमी चोटिल हुए हैं। पिछले कुछ सालों में वह कई बार चोट के कारण टीम से बाहर रहे हैं।
शमी (Mohammed Shami) बीसीसीआई के ग्रेड A कॉन्ट्रैक्ट में शामिल हैं, जिससे उन्हें सालाना 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। लेकिन जिस तरह से वह लगातार चोटिल हो रहे हैं, उससे साफ है कि अगले साल उनका बीसीसीआई कॉन्ट्रैक्ट खतरे में पड़ सकता है। चयनकर्ता अब उन खिलाड़ियों पर भरोसा जता रहे हैं, जो लंबे समय तक फिट रह सकें। अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा और अन्य युवा तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है, जिससे शमी के लिए टीम में जगह बनाना और मुश्किल हो सकता है।
क्या BCCI शमी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करेगा?

अगर शमी (Mohammed Shami) की चोटें इसी तरह बनी रहीं तो बीसीसीआई उन्हें अगले साल अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर सकता है। भारतीय टीम अब युवा गेंदबाजों को मौका दे रही है, और ऐसे में लगातार चोटिल रहने वाले खिलाड़ी टीम के लिए बोझ साबित हो सकते हैं। शमी का अनुभव जरूर अमूल्य है, लेकिन क्रिकेट में फिटनेस सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। अगर वह जल्द फिट नहीं हुए, तो उन्हें BCCI के ग्रेड A कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ सकता है, जिससे उनका करियर भी संकट में आ सकता है।