हाल ही में साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ कागिसो रबाडा ने एक बड़ा खुलासा किया कि वह एक रिक्रिएशनल ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद फिलहाल अस्थायी निलंबन पर हैं। इस खुलासे ने क्रिकेट जगत को झकझोर दिया, लेकिन भारत में ऐसा मामला पहले भी सामने आ चुका है। बो कौन भारतीय खिलाड़ी इसी प्रकार बैन हुआ था?

Prithvi Shaw का एक गलती जिसने बदल दिया उनकी करियर का रुख

2019 में टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ को बीसीसीआई ने 8 महीने के लिए निलंबित कर दिया था। डोपिंग टेस्ट में फेल होने के बाद शॉ ने सफाई दी कि उन्होंने बिना जानकारी के एक खांसी की दवा ली थी, जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया। लेकिन क्रिकेट के नियमों में ऐसी चूक को भी गंभीर अपराध माना जाता है। पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का यह विवाद तब सामने आया जब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे।

शॉ का प्रदर्शन और गिरता ग्राफ

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने टेस्ट में 339 और वनडे में 189 रन बनाए। डेब्यू टेस्ट में शतक मारने वाले इस बल्लेबाज़ से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन निलंबन, फिटनेस के मुद्दे और अनुशासन न रहना ने उनके करियर को पटरी से उतार दिया। डोपिंग विवाद ने उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया और उनकी वापसी की राह कठिन हो गई।

क्या पृथ्वी शॉ कर सकते हैं वापसी?

आज जब पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) आईपीएल नीलामी में अनसोल्ड रह गए हैं, रणजी टीम से बाहर कर दिए गए हैं, और आलोचना झेल रहे हैं, तब सवाल उठता है क्या वो फिर से टीम इंडिया के लिए मैदान में उतर पाएंगे? शॉ के पास अब भी उम्र और अनुभव है, लेकिन उन्हें अपनी फिटनेस, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता पर फोकस करना होगा। कागिसो रबाडा जैसे मामलों से साफ है कि एक गलती पूरी छवि बदल सकती है।

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