Prithvi Shaw
Prithvi Shaw

पहली ही पारी में शतक, कम उम्र में सफलता और फिर वर्ल्ड कप की चमक यह किसी क्रिकेटर के सपने जैसा होता है। लेकिन भारतीय क्रिकेट में एक नाम ऐसा भी है जिसने इतनी धमाकेदार शुरुआत की कि हर कोई उसे अगला सचिन तेंदुलकर ब्रायन लारा कहने लगा था। कौन है ये खिलाड़ी?

टेस्ट डेब्यू में रचा था इतिहास

साल 2018 में जब भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज़ चल रही थी, तब युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने राजकोट में अपने डेब्यू टेस्ट मैच में सिर्फ 99 गेंदों में शतक ठोककर तहलका मचा दिया था। 18 साल की उम्र में ये कारनामा कर उन्होंने ‘सबसे युवा भारतीय टेस्ट शतकवीर’ बनने का गौरव हासिल किया। उस मैच में उन्होंने 134 रनों की विस्फोटक पारी खेली और क्रिकेट जगत को अपने टैलेंट का परिचय दिया।

वर्ल्ड कप विनर भी रह चुके हैं Prithvi Shaw

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) केवल टेस्ट क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहे, उन्होंने 2018 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। बतौर कप्तान उन्होंने टीम इंडिया को ट्रॉफी दिलाई और खुद को भविष्य का सुपरस्टार घोषित किया। उनकी तकनीक, टेंपरामेंट और आत्मविश्वास ने सभी को प्रभावित किया, जिससे उन्हें जल्दी ही सीनियर टीम में मौका मिला।

अब क्यों खत्म हो गया करियर?

हालांकि, शुरुआती सफलता के बाद पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का ग्राफ लगातार गिरता चला गया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन और तकनीकी कमजोरियों ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। उन्होंने अब तक सिर्फ 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मुकाबला ही खेला है। चोटें, फिटनेस मुद्दे और अनुशासन को लेकर विवादों ने भी उनके करियर को नुकसान पहुंचाया। आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन में भी अनसोल्ड रहे।

Read More:पाकिस्तान के बिना होगा एशिया कप 2025, भारत के साथ ये 6 टीमें लेगी हिस्सा